एक गांव में एक गधा रहता था। वह गधा बहुत दिनों से बहुत ही आलसी और सुस्त बना था। वह हमेशा अपनी कामचोरी के चलते गांव के लोगों के मजाक बनता रहता था।

धोबी ने गधे को सिखाया कि कैसे पानी में साबुन मिलाकर कपड़ों को साफ करना है, फिर उन्हें अच्छी तरह धोना है और उन्हें धूप में सुखाना है। गधा ने धोबी की बातें मानी और धीरे-धीरे वह समझ गया कि दिनभर मेहनत करने से कैसे अच्छी चीजें हासिल होती हैं। धोबी की मेहनत और ज्ञान ने गधे को प्रेरित किया। अब गधा भी काम करने लगा और धीरे-धीरे उसकी कामचोरी दूर होती गई। वह भी धोबी की तरह मेहनती और समझदार बन गया।

धोबी ने गधे को सिखाया कि कैसे पानी में साबुन मिलाकर कपड़ों को साफ करना है, फिर उन्हें अच्छी तरह धोना है और उन्हें धूप में सुखाना है। गधा ने धोबी की बातें मानी और धीरे-धीरे वह समझ गया कि दिनभर मेहनत करने से कैसे अच्छी चीजें हासिल होती हैं।

गधे ने धोबी से कहा, “धन्यवाद आपका, मैंने अपने आलसीपन को छोड़कर काम करना सीख लिया है। अब मुझे खुद पर गर्व है कि मैं भी मेहनती और समझदार बन गया हूँ।” धोबी ने गधे की सफलता को देखकर खुशी से झूम उठा। उसने कहा, “देखो, मेहनत और समझदारी का फल मिठा होता है। अब तुम अपनी मेहनत के बल पर आगे बढ़ते जाओगे।”

इस तरह, गधे ने धोबी से सीखा कि कठिनाइयों का सामना करने से हम अपनी खुद की कमियों को दूर कर सकते हैं और सफलता की सीढ़ी को चढ़ते जा सकते हैं। गधा और धोबी की इस मिसाली कहानी ने सभी को सिखाया कि मेहनत और ज्ञान का महत्व हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है।