बच्चों की कहानियां

“शेर और गीदड़ की मित्रता – एक पंचतंत्र कहानी”

Panchatantra stories in hindi

एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर रहता था। उसका एक बहुत अच्छा मित्र भी था जो एक गीदड़ था। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। शेर गीदड़ के साथ बहुत मज़े करता था और उसके साथ खुश रहता था। शेर और गीदड़ दोनों का दोस्ती बड़ी मजबूत थी। एक दिन शेर ने गीदड़ से कहा, “आज हम एक साथ एक चक्की जाएंगे और वहां से बहुत सारा खाने का सामान लाएंगे।” गीदड़ ने उससे कहा, “ठीक है, मैं तैयार हूँ।” फिर शेर और गीदड़ दोनों चल दिए। जब दोनों चक्की पर पहुंचे, शेर ने अपना जाल फैलाया और गीदड़ को फंसा लिया। गीदड़ बहुत डर गया और बहुत रोने लगा। शेर ने उससे कहा, “अब तू मेरे खाने का सामान लाने के लिए जाएगा।” गीदड़ ने सोचा कि अब उसका कोई उम्मीद नहीं है और उसे जल्दी से जाने का मन हो गया। लेकिन उसके दिल में एक ख्याल था कि कहीं उसे कोई तरकीब न मिल जाए। उसने शेर से कहा, शेर भाई, मुझे थोड़ा समय चाहिए क्योंकि खाने का सामान तो मुझे ऊपर से उठाना होगा और मुझे उपर से उठने में थोड़ा समय लगेगा।” शेर ने सोचा कि यह सही है और उसने गीदड़ को ढीले हाथों से जाने दिया। गीदड़ फिर से अपने मित्र शेर के पास आया और उसे गले लगाकर उसके लिए बड़ी महत्वाकांक्षा जताई। शेर भी अब उससे जल्दी से नहीं खाने का सामान लाने के लिए बोला। गीदड़ उठने लगा और शेर उसके पास खड़ा हो गया। गीदड़ ने अपने बग में खाने का सामान बांधा था, जिसमें उसका एक बच्चा भी था। जब वह ढलते सूरज के साथ वापस जाने लगा, उसने बच्चे को जमीन पर गिरा दिया। शेर ने यह देखा और बच्चे को चीखने लगा। गीदड़ उसे अपने बग से बाहर निकालने के लिए भागने लगा, लेकिन शेर ने उसे पकड़ लिया।

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Panchatantra stories for kids in Hindi

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शेर ने अपने मित्र गीदड़ से कहा, “तुम अच्छे दोस्त हो और मैंने तुम्हें कभी भी ठगा नहीं। मैं अपने मार याद कर रहा हूँ कि एक दिन मैंने तुमसे अनुरोध किया था कि तुम मुझे खाने का सामान लाकर दो, लेकिन तुमने मुझसे ठगी की।” गीदड़ ने उत्तर दिया, “मैंने तुम्हें ठग नहीं किया था, बल्कि मैं अपने बच्चे को बचाने के लिए उसे जमीन पर गिरा दिया था।” शेर ने गीदड़ की बात सुनी और समझी कि वह सही है। उसने गीदड़ को माफ कर दिया और उसके लिए खाने का सामान लाने की अनुमति दी। गीदड़ ने शेर को खाने के सामान दिया और दोनों मित्रों ने साथ में खाना खाया। इस प्रकार, शेर और गीदड़ की दोस्ती दोबारा फिर से हो गई। दोनों मित्रों ने एक दूसरे की मदद की और एक साथ रहकर खुश रहे। यह पंचतंत्र की एक छोटी सी कहानी है, जो बच्चों को मित्रता और सहयोग के महत्व के बारे में सिखाती है। यह एक बहुत ही सरल और शिक्षाप्रद कहानी है जो बच्चों को अपनी अधिक से अधिक अवधि के साथ बताई जा सकती है। 

Moral:- यह पंचतंत्र की एक छोटी सी कहानी है जो एक शेर और एक गीदड़ की कहानी के माध्यम से बच्चों को मित्रता और सहयोग के महत्व के बारे में सिखाती है। इस कहानी में क्षमा की शक्ति और कैसे यह टूटी हुई रिश्तों को मेल कर सकती है, इसे उजागर किया गया है। इस सरल और रोचक प्लॉट के साथ, यह कहानी बच्चों के लिए अमूल्य जीवन शिक्षाओं के साथ सीखने के लिए पूर्ण है।

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